वीडियो जानकारी: 23.05.24, वेदान्त संहिता, ग्रेटर नॉएडा <br /><br />विवरण:<br />इस वीडियो में आचार्य जी ने डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों और उनके द्वारा किए गए सामाजिक सुधारों पर चर्चा की है। आचार्य जी<br /> ने बताया कि अंबेडकर ने अपने जीवन के अंतिम क्षणों तक समाज में सुधार लाने का प्रयास किया, लेकिन जब समाज सुधारने के लिए तैयार नहीं था, तो उन्होंने हिंदू धर्म को छोड़कर बौद्ध धर्म अपनाने का निर्णय लिया। <br /><br />आचार्य जी<br /> ने यह भी बताया कि अंबेडकर ने 22 प्रतिज्ञाएँ की थीं, जिनमें से एक यह थी कि वे हिंदू देवी-देवताओं को नहीं मानेंगे। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि अंबेडकर का उद्देश्य केवल जातिवाद को समाप्त करना नहीं था, बल्कि उन्होंने समाज के सभी शोषण के प्रतीकों को चुनौती दी। <br /><br />आचार्य जी<br /> ने यह भी कहा कि धार्मिकता में सुधार की आवश्यकता है, और यह कि जातिवाद और अंधविश्वास को त्यागना होगा। उन्होंने यह भी बताया कि वेदांत और बौद्ध धर्म में जातिवाद का कोई स्थान नहीं है। <br /><br />अंत में, आचार्य जी<br /> ने यह कहा कि समाज को अपने अंधविश्वासों और कुरीतियों को छोड़कर सच्चाई की ओर बढ़ना चाहिए, और अंबेडकर के विचारों को समझना और अपनाना चाहिए।<br /><br />प्रसंग: <br />बाबा साहब ने हिन्दू धर्म क्यों छोड़ा?<br />अंबेडकर ने कौन सा धर्म अपनाया है?<br />क्या अंबेडकर दलित थे?<br />क्या अंबेडकर ब्राह्मण होते हैं?<br />अंबेडकर कौनसी जाति के थे?<br />अंबेडकर कौन बिरादरी के थे?<br />